हिसार के भिवानी जिले के बवानी खेड़ा में डेंगू का प्रकोप मचा हुआ है। इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन भले ही स्कूलों, वार्डों और घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाने का दावा कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बताती है।
पिछले महीने, सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 5 की एक 11 वर्षीय छात्रा डेंगू से पीड़ित होकर मर गई। वह दो भाइयों की अकेली बहन थी और अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की एकमात्र लड़की थी। इस मौत से अभिभावक सहमे हुए हैं, तो शहरवासी भी सदमे में हैं। स्कूल की प्रधानाध्यापिका भी डेंगू की चपेट में आ गई हैं और हिसार के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। अभिभावकों को भी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर चिंता सता रही है।
शिक्षकों का कहना है कि प्रशासन को पूरे शहर के स्कूलों में फॉगिंग करवानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम को छात्रा की डेंगू से मौत की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। टीम ने मृतक छात्रा के परिजनों से जानकारी जुटाई। स्वास्थ्य निरीक्षक प्रेम कुमार और एमपीएचडब्ल्यू कृष्ण कुमार ने बताया कि छात्रा को डेंगू, मलेरिया या टाइफाइड नहीं था। परिजनों से पूछताछ में पता चला कि छात्रा की मौत डेंगू से नहीं, बल्कि किसी अन्य बीमारी से हुई है। विभाग नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाता है, फॉगिंग करता है और सैंपल लेता है।
मच्छरों के कारण लोगों के लिए घरों और दुकानों में रहना मुश्किल हो गया है। दुकानों में ग्राहकों और दुकानदारों को ऐसा लगता है जैसे उनके ऊपर मच्छरों का झुंड छोड़ दिया गया हो। घरों में भी मच्छरों का आतंक है। छोटे मच्छर दिखाई नहीं देते, लेकिन जब वे काटते हैं तो शरीर पर निशान पड़ जाते हैं। शहरवासी प्रशासन से नालों, नालियों, स्कूलों और घरों में फॉगिंग करवाने की मांग कर रहे हैं।