रोहतक के किसानों से धान के अवशेष जलाने से परहेज की अपील
रोहतक के अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने किसानों से अपील की है कि वे धान की फसल के अवशेषों में आग न लगाएं। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल के अवशेषों का उचित प्रबंधन करके उन्हें खेत में ही मिला देना चाहिए।
कुमार ने चेतावनी दी कि फसल अवशेषों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां पनप सकती हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को वायु प्रदूषण को रोकने के लिए धान के अवशेषों को जलाने से परहेज करना चाहिए।
इसके अलावा, कुमार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, जिला, खंड और ग्राम स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया गया है, जो फसल अवशेषों को जलाने की घटनाओं पर नजर रखेंगी। यदि किसी किसान को फसल अवशेषों को जलाते हुए पाया गया, तो उसके भूमि रिकॉर्ड में रेड एंट्री कर दी जाएगी। इससे किसान उस सीजन और अगले दो सीजन तक मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच पाएगा और कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं ले पाएगा।
कुमार ने बताया कि जिले में अब तक फसल अवशेष जलाने की 12 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें से 7 सही पाई गई हैं। अब तक दोषी किसानों के खिलाफ 4 एफआईआर दर्ज की गई हैं। यदि कोई किसान धान फसल के अवशेषों को जलाता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1986 और अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कुमार ने किसानों से इन-सीटू और एक्स-सीटू विधियों से पराली प्रबंधन करने की अपील की, जिसके लिए सरकार 1 हजार रुपये प्रति एकड़ की सहायता दे रही है। किसानों को 30 नवंबर तक कृषि और किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट https://agriharyana.gov.in/applyshemes पर फसल अवशेष प्रबंधन योजना 2024 के तहत अपना पंजीकरण कराना होगा।