फतेहाबाद के रतिया में जमीन विवाद पर अनुसूचित जाति आयोग की हस्तक्षेप
तीन दिन पहले फतेहाबाद के रतिया में नगर पालिका प्रशासन द्वारा अग्रवाल धर्मशाला के पास अवैध कब्जों को हटाने के विवाद पर अनुसूचित जाति आयोग ने संज्ञान लिया है।
मंगलवार को आयोग की एक टीम, अध्यक्ष प्रो. रविंद्र बलियाला के नेतृत्व में, रतिया पहुंची। उन्होंने धरनास्थल पर जमा लोगों को संबोधित किया और नगरपालिका अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। आयोग ने माना कि 70-80 वर्षों से वहां निवास करने वाले गरीब परिवारों के साथ अन्याय हुआ है और मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आयोग की टीम ने नगरपालिका सचिव संदीप भुक्कल, अभियंता सुनील लांबा और जेई हवा सिंह से जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे। उन्होंने परिवारों से पुलिस की कथित मारपीट के आरोपों के संबंध में पुलिस कर्मियों की जानकारी भी मांगी। अधिकारियों को 29 जुलाई को चंडीगढ़ में सभी जानकारी के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।
यह विवाद वार्ड नंबर 9 में अग्रवाल धर्मशाला के पीछे 3 कनाल 3 मरले जमीन पर है, जहां बावरिया समुदाय के 10-15 परिवार दशकों से रह रहे हैं। निवासियों का दावा है कि जब यह क्षेत्र जंगल था, तब उनके पूर्वज सौदागर को रखवाली के लिए जमीन दी गई थी। अरोड़वंश सभा को हुड्डा सरकार द्वारा धर्मशाला निर्माण के लिए जमीन आवंटित की गई थी।
तीन दिन पहले, नगरपालिका की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर कच्चे मकानों को ध्वस्त करना शुरू किया। निवासियों ने प्रदर्शन किया और महिलाओं की तबीयत बिगड़ने लगी। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद हुई हल्की लाठीचार्ज में कुछ महिलाओं और एक पुलिसकर्मी को मामूली चोटें आईं। इसके बाद किसान संगठन और अन्य समूहों के समर्थन से धरना शुरू हो गया।