अंबाला के रतोर गांव में रविवार की रात हुई हत्याकांड में हरीश का परिवार पूरी तरह खत्म हो चुका है। पूर्व सैनिक भूषण ने अपने भाई हरीश (42) की कुल्हाड़ी से निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी, उसके बाद उनकी पत्नी सोनिया (40), बेटी यशिका (6) और बेटे मयंक (4 महीने) की भी गंडासे से हत्या कर दी। इस क्रूर कृत्य में भूषण ने अपनी मां सुरती देवी (62) को भी नहीं बख्शा।

बीच-बचाव करने आए हरीश के पिता ओमप्रकाश को भूषण ने घायल कर दिया। ओमप्रकाश को मरा हुआ समझकर भूषण चला गया, लेकिन इस घटना में घायल हरीश की तीसरी बेटी परी (7) उस समय जिंदा थी। भूषण ने परी को भी मौत के घाट उतारा और सभी शवों पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी।

आग लगाने से पहले भूषण अपनी पत्नी, दो बेटों, दो सालों और एक साली के साथ गांव से फरार हो गया था। ओमप्रकाश घायल होने के कारण पास के गन्ने के खेत में छिप गए थे, जिससे उनकी जान बच गई।

पुलिस ने बताया कि इस जघन्य अपराध को 2 एकड़ जमीन के विवाद के कारण अंजाम दिया गया था। आरोपी भूषण पहले सेना में था और 7 साल पहले रिटायर हो गया था। भूषण ने अपनी मां की गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार करके हत्या की, फिर ओमप्रकाश पर हमला किया। ओमप्रकाश के गिरने के बाद भूषण ने अन्य सभी की हत्या कर दी।

बाद में भूषण ने सभी शवों को इकट्ठा किया और उन पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी। हालांकि, लकड़ियों के गीले होने के कारण शव ठीक से नहीं जले, जिससे परी जिंदा भागकर पास के पानी के कुंड में कूद गई।

ओमप्रकाश और परी को पुलिस ने चंडीगढ़ के पीजीआई में भर्ती कराया था, लेकिन सोमवार को उपचार के दौरान परी की मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम के बाद सभी 6 शवों का भूषण के घर के बाहर एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।

पुलिस ने मुख्य आरोपी भूषण को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। ओमप्रकाश ने बताया कि भूषण अपनी सारी जमीन अपने नाम कराने के लिए दबाव बना रहा था, जिसके कारण उसने पूरे परिवार को खत्म कर दिया।

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