भारतीय ट्रकों में एयर कंडीशनिंग की अनुपस्थिति
भारत के परिवहन उद्योग में ट्रकों की व्यापक भूमिका है, जो कच्चे माल से लेकर तैयार वाहनों तक विभिन्न प्रकार के सामानों की लंबी दूरी तक ढुलाई करते हैं। हालांकि, इन ट्रकों में अक्सर एयर कंडीशनिंग (एसी) शामिल नहीं होती है, जिसके कारण चालकों को भीषण गर्मी में कई घंटे तक काम करना पड़ता है।
एसी न उपलब्ध कराने के कारण
भारतीय ट्रकों में एसी की अनुपस्थिति के पीछे कई कारण हैं:
* डीजल की बढ़ती खपत: ट्रक निर्माताओं का दावा है कि एसी में डीजल की खपत में 3-4% की वृद्धि होगी, जो परिवहन लागत को बढ़ा देगा।
* परिवहन लागत पर प्रभाव: परिवहन कंपनियां कम लागत पर माल पहुंचाने के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं, और एसी की उपस्थिति से लागत में वृद्धि होगी, जिससे उत्पादों की कीमतों पर सीधा असर पड़ेगा।
* उच्च लागत: एसी से लैस ट्रक गैर-एसी ट्रकों की तुलना में काफी महंगे होते हैं, जिससे बिक्री में कमी आती है।
* कम मांग: उपयोगिता और लागत संबंधी चिंताओं के कारण, एसी वाले ट्रकों की बिक्री भारत में कम है, जिससे इन ट्रकों की स्टॉकिंग और नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है।
एसी ट्रकों की उपलब्धता
हालांकि बाजार में एसी वाले ट्रक उपलब्ध हैं, लेकिन उनकी बिक्री कम है और उनकी कीमत अधिक है। इसलिए, अधिकांश ट्रक निर्माता भारत में सीमित संख्या में एसी ट्रक लॉन्च करते हैं।
सरकारी चिंता
भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्रकों में एसी की कमी पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन ट्रक निर्माताओं की लागत संबंधी चिंताओं के कारण व्यापक बदलाव अभी तक नहीं हुए हैं।