आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों ने खाली कर्मचारी पदों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर को एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया। पर्यवेक्षकों ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण उन्हें अपने कार्यों को पूरा करने में कठिनाई हो रही है।
उन्होंने बताया कि पहले प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और पोषण ट्रैकर जैसे तकनीकी कार्यों के लिए तकनीकी कर्मचारी नियुक्त किए गए थे, जिन्हें हटाए जाने पर उनका यह कार्यभार पर्यवेक्षकों को सौंप दिया गया। इससे उनके अपने कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
पर्यवेक्षकों ने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर और लिपिकों की कमी के कारण उन्हें परियोजना कार्यालयों में ड्यूटी सौंप दी जाती है। इससे उनके क्षेत्रीय कार्यों, केंद्रों की निगरानी और विभागीय रिपोर्टिंग में बाधा आती है।
कार्यकर्ताओं ने वेतन भुगतान में देरी, विभागीय जानकारी भेजने में विलंब और परियोजना कार्यालयों के रिकॉर्ड रखरखाव में समस्याओं पर भी चिंता व्यक्त की।
पर्यवेक्षक चंदारानी ने जल्द से जल्द उनकी समस्याओं के समाधान का अनुरोध किया। विरोध प्रदर्शन में नीरा सिन्हा, मोनिका, सरिता और मांगीबाई सहित अन्य महिला पर्यवेक्षक भी मौजूद थे।