रिन्यूएबल ऊर्जा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आईएसटीएस शुल्क छूट विस्तारित
भारत सरकार ने सौर ऊर्जा क्षेत्रों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए रिन्यूएबल ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अंतरराज्यीय शुल्क (इंटरस्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम -आईएसटीएस) पर छूट की समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है।
इस छूट में विस्तार से सौर ऊर्जा डेवलपर्स को 31 मार्च, 2025 तक आईएसटीएस शुल्क पर छूट मिलेगी। इससे पहले, यह छूट 31 मार्च, 2023 को समाप्त होने वाली थी।
इस फैसले का उद्देश्य भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करना है, जिसमें 2030 तक 500 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करना शामिल है। आईएसटीएस शुल्क छूट से सौर परियोजनाओं की लागत कम होगी, जिससे उन्हें अधिक किफायती बनाया जा सकेगा।
ऊर्जा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “यह विस्तार रिन्यूएबल ऊर्जा क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन देगा और देश के ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।”
भारत दुनिया के शीर्ष सौर ऊर्जा बाजारों में से एक है, और यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। इस विस्तार से उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और देश में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।