जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव
सोमवार को शाम 6 बजे, भगवान जगन्नाथ अपने शाही वाहन, इंद्र विमान पर सवार होकर सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर से रवाना होंगे। भक्तों की नजरें उनके दर्शन के लिए बेताब होंगी।
इंद्र विमान, जो कि दो मंजिलों वाला है, विशेष रूप से सजाया गया है। भगवान जगन्नाथ दुबई से आई पोशाक और इत्र पहने हुए विमान पर सवार होंगे।
रथ में भगवान की सवारी के साथ कई झांकियां भी निकलेंगी, जिसमें श्रीराम मंदिर का एक विशाल मॉडल भी शामिल है। रविवार को सीतारामजी इस सवारी की अगुवाई करने के लिए पहले से ही रूपहरि मंदिर पहुंच चुके हैं।
सड़कों पर जगह-जगह फूल बरसाए जाएंगे और मंदिरों में आरती की जाएगी। प्याऊ और भंडारे भी जगह-जगह लगेंगे। साथ ही, रथयात्रा के दौरान एक मेला भी आयोजित किया जाएगा।
भक्तों की सुविधा के लिए रथयात्रा मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और सूचना प्रसार के लिए लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। रूपबास मेला मैदान में 300 से अधिक दुकानें आवंटित की गई हैं।
भक्त 19 जुलाई तक जगन्नाथजी के दर्शन कर सकेंगे, जब तक कि मुख्य मंदिर में बूढ़े जगन्नाथजी विराजमान रहेंगे। 1963 से चली आ रही इस परंपरा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की सवारी 6 किलोमीटर दूर रूपबास स्थित रूपहरि मंदिर पहुंचेगी।
मंदिर के पंडित राजेंद्र शर्मा के अनुसार, सुभाष चौक मंदिर लगभग 60 फीट ऊंचा है और गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ की दो श्याम वर्ण की आदमकद प्रतिमाएं हैं। इंद्र विमान, जो कि 30 फीट ऊंचा, 15 फीट चौड़ा और 25 फीट लंबा है, को 1903 में महाराजा जयसिंह ने बनवाया था।