जयपुर: बिना लाइसेंस वाले होटल-रेस्टोरेंट पर हाईकोर्ट की सख्ती, नौ प्रतिष्ठानों पर रोक
जयपुर, [दिनांक]: राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर में होटल और रेस्टोरेंट के संचालन के लिए राजस्थान म्यूनिसिपल एक्ट-2009 (आरएमए) लाइसेंस की अनिवार्यता पर कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने शालिनी श्रीवास्तव और कुलदीप गुप्ता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम को बिना लाइसेंस के संचालित होटल और रेस्टोरेंट पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
अदालत ने तत्काल प्रभाव से शहर के नौ नामी होटल और रेस्टोरेंट के संचालन पर रोक लगा दी है। याचिका में कहा गया था कि जयपुर शहर में बड़ी संख्या में होटल और रेस्टोरेंट बिना लाइसेंस के चल रहे हैं, जहां मिलावटी और निम्न गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
अधिवक्ता विकास काबरा ने बताया कि याचिकाकर्ता ने आरटीआई के तहत नगर निगम ग्रेटर से जानकारी मांगी थी, जिसमें निगम ने स्वयं स्वीकार किया कि मालवीय नगर और पंचवटी सर्किल के आसपास बिना लाइसेंस के होटल और रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं, जिन्हें नोटिस भी जारी किए गए थे। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इन प्रतिष्ठानों पर लगी रोक:
* अन्नू भाई एमबीबीएस, पंचवटी सर्किल
* सोयाचाप एक्सप्रेस, पंचवटी सर्किल
* अमृतसरी छोले-कुलचे, राजपार्क
* द मोमोज हब, राजपार्क
* सरदार जी बार बी क्यू, राजपार्क
* नंदलाल जी छोले वाले, राजपार्क
* द हम्पल कैफे, राजपार्क
* द ले-मैन, आदिनाथ नगर
* लेपिनोज पीज़ा, मालवीय नगर
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का आरोप:
याचिका में यह भी कहा गया है कि कई रेस्टोरेंट और कैफे शिक्षा विभाग और सहकारी विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करके संचालित हो रहे हैं, जिसके कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। अदालत ने नगर निगम को आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं।