उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी का जेकेके को राजस्व आधारित मॉडल बनाने पर जोर
जयपुर, [आज की तारीख] – उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बुधवार को पर्यटन भवन में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में जवाहर कला केंद्र (जेकेके) के संचालन और विकास के लिए राजस्व आधारित व्यावहारिक मॉडल विकसित करने के निर्देश दिए।
बैठक में शासन सचिव पर्यटन, कला एवं संस्कृति और जेकेके महानिदेशक रवि जैन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे। अतिरिक्त महानिदेशक अलका मीणा ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
उपमुख्यमंत्री ने जेकेके के लिए बजट में आवंटित 8 करोड़ रुपए की राशि का रचनात्मक उपयोग करते हुए कला केंद्र के समग्र विकास की योजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता कला और हस्तशिल्प के संरक्षण और संवर्धन की है। इसके लिए कलाकारों को नियमित मंच और राजस्व आधारित अवसर दिए जाने चाहिए ताकि कलाएं जीवंत बनी रहें।
श्रीमती कुमारी ने जेकेके के विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर क्यूआर कोड लगाए जाने की सराहना करते हुए निर्देश दिए कि इन कोड्स के माध्यम से दर्शकों को उस स्थान और कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी सरलता से मिल सके। उन्होंने जेकेके के डेटा के डिजिटलीकरण और दैनिक आयोजनों की जानकारी के प्रचार हेतु एलईडी होर्डिंग्स लगाने के भी निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री ने शिल्प ग्राम को राज्यभर के श्रेष्ठ कलाकारों और उत्पादों के लिए मंच बनाने पर बल दिया, जहां नियमित रूप से प्रदर्शन और बिक्री की व्यवस्था हो। इससे स्थानीय हस्तशिल्पियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और पारंपरिक कला को संरक्षण भी।
कार्यक्रम में जेकेके की लाइब्रेरी के आधुनिकीकरण तथा आईटी व तकनीकी कार्यों के साथ सिविल वर्क के लिए विस्तृत प्रेजेंटेशन भी दिया गया। उपमुख्यमंत्री ने इन कार्यों को प्राथमिकता से क्रियान्वित करने की बात कही।
दीया कुमारी ने जेकेके में सौर ऊर्जा को अपनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे बिजली के खर्च में उल्लेखनीय बचत होगी और संस्थान पर्यावरण के अनुकूल कार्यप्रणाली की ओर अग्रसर होगा।