कोटा में एमबीबीएस छात्र आत्महत्या मामला: दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी, जांच कमेटी में बदलाव
कोटा, [दिनांक]: कोटा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्र सुनील बैरवा की आत्महत्या के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी रहा। प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल कार्यालय के बाहर धरना दिया।
करीब आधे घंटे तक चले धरने के बाद छात्रों ने प्रिंसिपल से वार्ता की जिसके बाद उन्होंने आंदोलन को 7 दिनों के लिए स्थगित कर दिया। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन द्वारा गठित जांच कमेटी के दो सदस्यों पर आपत्ति जताई थी, जिसके चलते कॉलेज प्रशासन ने दूसरे दिन ही कमेटी में बदलाव कर दिया।
पहले 6 मार्च को डॉ. बीएस शेखावत की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच टीम बनाई गई थी, जिसमें डॉ. गुलाब कंवर, डॉ. राकेश कुमार शर्मा, डॉ. एस सी दुलारा और डॉ. पूजा खन्ना मालव सदस्य थे। अब डॉ. आरके सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी मामले की जांच करेगी।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना ने बताया कि डॉ. बीएस शेखावत और डॉ. गुलाब कंवर की जगह डॉ. आरके सिंह और डॉ. दीप्ति शर्मा को शामिल किया गया है। बाकी तीन सदस्य यथावत रहेंगे। कमेटी 7 दिनों में जांच रिपोर्ट पेश करेगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इंटर्न डॉ. यशवर्धन ने बताया कि कॉलेज प्रशासन से सकारात्मक बातचीत हुई है और कमेटी में बदलाव के नाम कॉलेज प्रशासन ने मान लिए हैं। इसके अलावा 7 मुद्दों पर सहमति बनी है। कमेटी के आश्वासन पर आंदोलन 7 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है और कल से सभी छात्र कक्षाएं अटेंड करेंगे।
इंटर्न डॉ. जितेंद्र ने चेतावनी दी कि यदि 7 दिनों बाद जांच का नतीजा नहीं मिला तो वे फिर से आंदोलन करेंगे, कैंपस में तालाबंदी कर दी जाएगी और कक्षाएं नहीं चलने दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि अन्य कॉलेजों के साथ मिलकर सुनील को न्याय दिलाकर रहेंगे।
सहमति वाले 7 मुद्दे:
1. कॉलेज में स्टूडेंट फोरम का गठन होगा, जो कमजोर और मानसिक रूप से अस्वस्थ छात्रों को चिन्हित करेगा और संबंधित अधिकारियों को सूचित करेगा।
2. जांच कमेटी के दो सदस्यों को बदला गया।
3. सभी एचओडी अनुपस्थित छात्रों के परिजनों से बात करेंगे और इसकी जानकारी अकादमिक शाखा को देंगे।
4. सभी एचओडी इंटरनल अंक अकादमिक शाखा को भेजेंगे, जो उन्हें कॉलेज की वेबसाइट पर प्रदर्शित करवाएंगे।
5. टीचिंग परफॉर्मेंस की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए फीडबैक फॉर्म और विजिलेंस टीम का गठन प्रस्तावित है।
6. सभी संकाय सदस्य छात्रों से हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में संवाद स्थापित करें।
7. मुख्य वार्डन हॉस्टल में रहने वाले छात्रों से लगातार संवाद करें ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
मामला क्या है:
बस्सी निवासी एमबीबीएस छात्र सुनील बैरवा ने मेडिकल कॉलेज के यूजी 3 हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों का आरोप था कि निलंबन की अवधि पूरी होने के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने मामले का निपटारा नहीं किया और सुनील को फैकल्टी ने प्रताड़ित किया, जिससे उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई।
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