करनाल में बलिंद्र मौत कांड: हत्या का मामला दर्ज, ट्रैक्टर से कुचलने का इरादा

हरियाणा के करनाल जिले के चुंडीपुर गांव में किसान बलविंदर राणा की मौत मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस पहले जहां इसे दुर्घटना मानकर जांच कर रही थी, वहीं अब एडवोकेट अंशुल चौधरी के मुताबिक, हत्या केस दर्ज किया गया है।

मामले में मुख्य आरोपी के नाम को पहले FIR से हटा दिया गया था। अब कोर्ट ने माना है कि गलत धारा में केस दर्ज किया गया था। अब हत्या की धारा में केस दर्ज होगा, जिसमें मुख्य आरोपी का नाम भी शामिल किया जाएगा।

एडवोकेट अंशुल चौधरी ने बताया कि 11 अक्टूबर 2023 को बलविंदर अपने खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान गांव के ही दो लोग उनके पास आए और शराब पी। इस दौरान झगड़ा हुआ और आरोपियों ने बलविंदर पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। इसके बाद आरोपी ट्रैक्टर छोड़कर मौके से फरार हो गए।

12 अक्टूबर को बलविंदर के परिजन मौके पर पहुंचे और उनके शव को देख हंगामा किया। एडवोकेट के अनुसार, पुलिस ने 15 अक्टूबर को IPC की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) में मामला दर्ज किया। उनका कहना है कि पुलिस ने मुख्य आरोपी को केस से बाहर निकालने और सजा कम करने के लिए गंभीर धारा को हल्की धारा में बदल दिया।

परिवार को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटे। लेकिन, उनकी शिकायतों को खारिज कर दिया गया।

एडवोकेट अंशुल ने बताया कि जब कोर्ट में चालान आया और परिजनों ने उनसे संपर्क किया तो चालान में कुछ गड़बड़ पाई गई। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने पर पता चला कि मामला धारा 304 में दर्ज किया गया है और मुख्य आरोपी का नाम हटा दिया गया है।

अंशुल ने कहा कि उन्होंने कोर्ट में जज के सामने सभी तथ्य रखे और कानूनी प्रक्रिया पूरी करवाई। जज ने सभी तथ्यों पर गौर किया और कहा कि मुख्य आरोपी का नाम गलत तरीके से हटाया गया है और गलत धारा में केस दर्ज किया गया है। अब यह मामला धारा 302 (हत्या) में दर्ज किया जाएगा और मुख्य आरोपी का नाम जोड़ा जाएगा।

पुलिस द्वारा मामले की जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए एडवोकेट अंशुल ने कहा कि पुलिस ने अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर काम किया और हत्या को दुर्घटना बता दिया।

जज ने जांच करने वाले पुलिस अधिकारी को कई बार तलब किया, लेकिन अधिकारी का दूसरे जिले में तबादला हो चुका था। IO के न आने के बाद जज ने अपना फैसला सुनाया।

अंशुल ने कहा, “न्याय कोर्ट से ही मिलता है। पुलिस का ध्यान अक्सर इस बात पर रहता है कि किसे बचाना है और किसे हटाना है। उम्मीद है कि अब आरोपियों को धारा 302 में सजा मिलेगी।”

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