हरियाणा में धान की एमएसपी पर खरीद को लेकर घमासान
हरियाणा में धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3100 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर हमला बोलते हुए सवाल किया है कि किसानों की धान की एमएसपी पर खरीद कब होगी। उन्होंने खट्टर को ‘टेलीप्रॉम्पटर’ मुख्यमंत्री करार देते हुए भाजपा सरकार पर किसान विरोधी तीन आरोप लगाए हैं।
सुरजेवाला के आरोप:
1. एफजीपी नहीं मिली: सुरजेवाला ने खट्टर से पूछा कि चुनाव से पहले सार्वजनिक वादे के अनुसार 3100 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर धान खरीद क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा।
2. डीएपी की कमी: सुरजेवाला ने डीएपी की कमी को लेकर खट्टर पर हमला बोला और कहा कि डीएपी न मिलने से किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने गांव भिखेवाला के किसान राम भगत की मौत का उदाहरण दिया, जो डीएपी की कमी के कारण गेहूं की बुवाई नहीं कर पाए और आत्महत्या कर ली।
3. झूठ परोस रही सरकार: सुरजेवाला ने डीएपी की कमी पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार झूठ परोस रही है। उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उनके साथ विभिन्न जिलों का दौरा करें और डीएपी की कमी का सच देखें।
मुख्यमंत्री का जवाब:
मुख्यमंत्री खट्टर ने सुरजेवाला के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि हरियाणा में 27 सितंबर से धान की खरीद एमएसपी पर शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अब तक 50 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई है और किसानों को 11,296 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने दावा किया कि 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
खट्टर ने कहा कि आढ़तिया कमीशन को 46 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के किसान भी हरियाणा में अपनी फसल बेचने के इच्छुक हैं।