दिल्ली प्रदूषण: दिल्ली में प्रदूषण सिर्फ पराली जलाने के कारण नहीं, जानिए कौन है सबसे बड़ा खलनायक!
दिल्ली, 5 नवंबर: दिल्ली में प्रदूषण के लिए केवल पराली जलाने को दोष देना सही नहीं है। शहर के वायु प्रदूषण में कई अन्य कारकों का भी योगदान है, जिनमें यह प्रमुख खलनायक शामिल हैं:
* वाहन उत्सर्जन: दिल्ली में निजी वाहनों की अधिक संख्या वायु प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देती है। डीजल वाहनों से निकलने वाले काले धुएं में हानिकारक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) होते हैं।
* औद्योगिक गतिविधियां: शहर में कई उद्योग, जैसे निर्माण, विनिर्माण और ऊर्जा उत्पादन, वायु में हानिकारक गैसों और कणों को छोड़ते हैं।
* निर्माण गतिविधियां: नई इमारतों और बुनियादी ढांचे के निर्माण से धूल और अन्य कण निकलते हैं, जो वायु की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
* खुली लकड़ी और जैव ईंधन का जलना: घरों में खाना पकाने और गर्म रखने के लिए खुली लकड़ी या कोयला जलाने से भी प्रदूषण होता है।
* ठंडे मौसम में स्थिर वायु स्थितियां: सर्दियों के महीनों में ठंडी वायु स्थितियां वायुमंडल में प्रदूषकों को फंसाती हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है।
* जैव अपघटन: दिल्ली के विशाल लैंडफिल में जैविक सामग्रियों के अपघटन से मीथेन और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है।
सरकार और नागरिकों को इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए व्यापक प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू करने की आवश्यकता है। पराली जलाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ, वाहन उत्सर्जन को कम करने, औद्योगिक गतिविधियों को नियंत्रित करने, निर्माण प्रथाओं में सुधार करने और नागरिकों को प्रदूषण के वैकल्पिक स्रोतों के बारे में जागरूक करने पर भी विचार किया जाना चाहिए।