दिवाली के बाद शहर में मौसम में उतार-चढ़ाव आने लगा है। सर्दी और गर्मी का मिश्रण लोगों को बीमार कर रहा है। अस्पतालों में मौसमी बीमारियों, धूल एलर्जी और त्वचा रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।
एमबीएस अस्पताल, न्यू मेडिकल हॉस्पिटल और निजी अस्पतालों में सर्दी-जुकाम, खांसी, श्वास समस्याओं और दमा से जूझ रहे मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक, अचानक मौसम परिवर्तन और प्रदूषण ने दमा और श्वास रोगियों की संख्या बढ़ा दी है।
हाल के दिनों में अस्पताल खांसी-जुकाम से पीड़ित मरीजों से भरे हुए हैं। सीएमएचओ डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि बारिश के बाद के नमी, दिवाली से पहले की सफाई और दिवाली के दौरान पटाखों के प्रदूषण ने अस्थमा के मरीजों की संख्या में वृद्धि की है।
एमबीएस अस्पताल की ओपीडी में रोगियों की संख्या 2800 से अधिक हो गई है। मौसम में भी बदलाव हो रहा है, जिसमें कोटा में दिन में तेज धूप और शाम को ठंड महसूस हो रही है। नतीजतन, लोग सर्दी-जुकाम और बुखार का शिकार हो रहे हैं।
दिवाली के बाद से अस्पतालों में मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। ओपीडी 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गई है। सर्दी-जुकाम के साथ सिरदर्द, नाक बहना, कफ और तेज खांसी हर घर में परेशानी का सबब बन गई है। डॉ. सोनी के अनुसार, अस्थमा, धूल एलर्जी और सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने सभी चिकित्सकों और सीएचसी/पीएचसी को पर्याप्त दवाओं का भंडारण करने का निर्देश दिया है।