राजस्थान के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान सवाई मानसिंह अस्पताल की व्यवस्थाएं लगातार खराब होती जा रही हैं।
अस्पताल के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने बार-बार पत्र लिखकर दवाओं और जांच किटों की कमी की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। परिणामस्वरूप, मरीजों को दवाएं और जांचें बाहर से करानी पड़ रही हैं।
माइक्रोबायोलॉजी, बायोकैमेस्ट्री और पैथोलॉजी सेंट्रल लैब में कई महत्वपूर्ण जांच किट उपलब्ध नहीं हैं, जिनमें गठिया रोग की पहचान के लिए एएनए ब्लॉट और गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी एचसीजी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, बैक्टीरियल संक्रमण का पता लगाने के लिए पीसीटी टेस्ट भी लंबे समय से अनुपलब्ध है।
सुपर स्पेशलिटी विंग की स्थिति भी खराब है, जहां गैस्ट्रोलॉजी, यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी से संबंधित कुछ जांचों के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। यहां तक कि जटिल ऑर्गन ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद आवश्यक जांच जैसे सी3, सी4 और 24 घंटे के मूत्र परीक्षण के लिए भी मरीजों को दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।
इसके अलावा, कई अन्य जांच किट लंबे समय से अस्पताल की लैब में उपलब्ध नहीं हैं। लैब के अलावा, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ प्रोफेसरों और यूनिट प्रमुखों ने भी अस्पताल अधीक्षक को इसे लेकर पत्र लिखे हैं, लेकिन उनकी अनदेखी की गई है।